आजकल काम किसी के पास नहीं है जो था वह करोना की भेंट चढ़ा दिया। जैसे भगवान के भोग लगाते समय किया जाता हैष जो कुछ है सब पूजा में रख दिया । सब करोना ने खा लिया। अब भगवान की ओर आंखे फाड़ कर लखाने लगे है।
राजनेता लोग भी बेरोजगार हो गये, वे करोना के जमाने के डाकू मलखान सिंह व गब्बर सिहं बन गये हैं उन्हीं की तरज पर मुंह पर कपड़ा लपेट दूसरे राजनेतासे गद्दी लुटने का पुरा महा भारत के चक्करव्यूह की रचना कर, दिन दहाड़े लूटते रहते हैं।
है तो कईराज्यों में लेकिन राजस्थान की घटना ताजा और सरकार गिराने का धंधा करने वालों का सटीक उदाहरण है। पजामें से पैर बाहर होते ही सरकार गिराने चल पड़ते हैं। पहले चलना तो सिखना चाहिये, कही घुटनों के बल न चलना पड़े।
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