चुनाव घोषणा हो ते ही चाहे अगले दिन बिना देश का एक पैसा खर्च किए चुनाव कराए जा सकते हैं बिना किसी दुःख व दुविधा के। जैसे ही पार्टी अपने उम्मीदवारों का चयन कर लें तभी चुनाव घोषित किए जाने चाहिए। केवल जितनी पार्टी है उतने ही मास्टर कम्प्यूटर चाहिए,हर एक पार्टी को चुनाव आयोग के साथ में ताकि चुनाव आयोग गड़बड़ी न कर सके।
मोबाइल फोन से वोटर को आधार कार्ड से के नं से वोटिंग करवा लें। केवल एक दिन ही सबको शिक्षित किया जा सकता है इस बारे में। सारी पार्टीयों को अपने दफ्तर के कम्प्यूटर पर उसी दिन बिना गिनती किये पता चल जाएगा कि कितने वोट किस पार्टी को मिले हैं। चुनाव आयोग का कार्य केवल उन सभी के कम्प्यूटर के डाटा को इकट्ठा करना पड़ेगा यह बताने को कि कितने प्रतिशत मतदान हुआ है। बाकी काम पार्टी के कम्प्यूटर कर लेंगे। फूटी कोड़ी तक सरकार की नहीं होगी। चाहे तो कार्य काल समाप्त होने से पहले ही चुनाव सम्पन्न बिना किसी सुरक्षा बल के किया जा सकता है। किसी अधिकारी व कर्मचारी को कोटा पैसा तक सरकार को नहीं देना पड़ेगा टी ए, डी ए के रूप में।
बस बेइमानों को दुःख होगा कि वे धांधली व बेईमानी न कर सके। मोबाइल से फोटो स्कैन कर वोट डाला जायेगा। ताकि वह आदमी दोबारा वोट न डाल सके। कम्प्यूटर उसको पकड़ लेगा तथा फोटो स्कैन नहीं करेगा। संसद भवन कुत्ते बिल्लों की तरह भी बन्द हो जाएगा। किसी पर किसी प्रकार का दोषारोपण भी नहीं होगा।
क्या सभी पार्टियां इसके लिए तैयार है। केवल सरकारी अधिकारी व कर्मचारी ही सहमत नहीं होंगे क्योंकि उनका TA, DA बंद हो जायेगा। क्या सरकारी अधिकारी व कर्मचारी इस प्रणाली को देश के हित में प्रयोग कर देश में गरीबी फैलाने वाले नेताओं की जुबान व कुकृत्य समाप्त किया जा सके। समाचार माध्यमों से भारत सरकार मेरे प्रश्न का जवाब देगी।
Comments
Post a Comment