यदि आप अपने बच्चे का भविष्य सही प्रकार से किसी की सलाह बिना पूरी सही जानकारी हासिल करना चाहते हो तो निम्न लिखित तरीका अपना सकते है । उसके भाग्य में किसी प्रकार की कमाई होगी।सरकारी या प्राईवेट क्षेत्र में सफल होगा।रूपयों की रफतार कितनी होगी कि नहीं होगी। नुकसानदायक है या फायदेमंद।
आपको अपने बिना जन्में बच्चे से लेकर , जन्में बच्चों के व्यवसाय केबारे में पता लगा सकते हैं इसके लिये आपको अपने बच्चों के नाम किसी सरकारी व प्राईवेट कम्पनी के शेयर उसकी जन्म तिथि की संख्या के अनुसार खरीद लें तथा जन्म तक या एक वर्ष तक आंकलन करें कि कितना फायदा या नुकसान दिन व महिना का एक साल तक करें।
इससे आप उसकी पूरी जिन्दगी का आंकलन निकाल सकते हो कि पूरी आयु में उसको कितने रूपये मिलेंगें । इसके लिये सस्ते से सस्ता शेयर लेना होगा। जिसको कोई लेना भी नहीं चाहता होगा। शेयर दो प्रकार की कम्पनी के शेयर एक साथ में लेने होगें। इसके लिये अधिकतम कुल शैयर 62 से ज्यादा ,एक ही कारण से हो सकता, जब बच्चे का जन्म 30,31, 28 और 29 तारीक को हो ,अन्यथा 2 शैयर से भी काम चल सकता है यदि जन्म 1 ततारीख का हो ।
अतः बच्चों का भविष्य जानिये के लिये शेयर मार्केट के उतार चढाव व जिन्दगी के उतार चढाव के साथ विश्लेषण करके ।शेयर मार्केट में एक रूपये से कम के भी शेयर हैं उनको खरीद कर उसकी ता उमर की पूंजी का पता लगा सकते हैं
चुनाव घोषणा हो ते ही चाहे अगले दिन बिना देश का एक पैसा खर्च किए चुनाव कराए जा सकते हैं बिना किसी दुःख व दुविधा के। जैसे ही पार्टी अपने उम्मीदवारों का चयन कर लें तभी चुनाव घोषित किए जाने चाहिए। केवल जितनी पार्टी है उतने ही मास्टर कम्प्यूटर चाहिए,हर एक पार्टी को चुनाव आयोग के साथ में ताकि चुनाव आयोग गड़बड़ी न कर सके। मोबाइल फोन से वोटर को आधार कार्ड से के नं से वोटिंग करवा लें। केवल एक दिन ही सबको शिक्षित किया जा सकता है इस बारे में। सारी पार्टीयों को अपने दफ्तर के कम्प्यूटर पर उसी दिन बिना गिनती किये पता चल जाएगा कि कितने वोट किस पार्टी को मिले हैं। चुनाव आयोग का कार्य केवल उन सभी के कम्प्यूटर के डाटा को इकट्ठा करना पड़ेगा यह बताने को कि कितने प्रतिशत मतदान हुआ है। बाकी काम पार्टी के कम्प्यूटर कर लेंगे। फूटी कोड़ी तक सरकार की नहीं होगी। चाहे तो कार्य काल समाप्त होने से पहले ही चुनाव सम्पन्न बिना किसी सुरक्षा बल के किया जा सकता है। किसी अधिकारी व कर्मचारी को कोटा पैसा तक सरकार को नहीं देना पड़ेगा टी ए, डी ए के रूप में। बस बेइमानों को दुःख होगा कि वे धांधली व बेईमानी न कर सके। ...
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