मौसम व खानपान बदलने पर अकसर हमारे शरीर पर गलत प्रभाव पड़ता है , जो बाद में एक व्याधि के रूप में शरीर का शौषण करने के लिये घर बना लेता है। वो व्याधि व्यागर रूप धारण कर शरीर को कंकाल रूप में परिवर्तित कर देती है ।N
छोटे बच्चे इससे बहुत अधिक पीड़ित होते है जो उनको कुपोषण का शिकार बनाकर , सूखा रोग से ग्रसित कर देती है। इस रोग के उपचार बचाव के लिये एक देशी इलाज है जिस पर कोई खर्च नहीं होता है, केवल कुछ दूर जाकर वह औषधि लानी पड़ती है।
नीम का वृक्ष तो सभी ने देखा होगा , उसका फल जिसे निबोली कहते है तोड़ कर लानी हैै पक्की हुई। उसको खाली पेट खाना पड़ता है जो खाने में मीठी व सुवादिष्ट होती है। इसके खाने से पेट में होने वोले कृमी जैसे पिन वर्म, हुक वर्म व फित्ता कृमि मर जाते हैं।
यह इलाज के साथ साथ रोग होने से बचाता भी है अतः इसे वैसे भी फल के रूप में सेवन कर सकते हैं । इसका सेवन कर वर्षा ऋतु जनित रोगों से बचा जा सकता है। निबोली का उपयोग कर स्वस्थ बने ।
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