Skip to main content

अतीत और वर्तमान के आदर्श



एक बार एक पिता ने अपनी बेटी की सगाई करवाई ।


लड़का बड़े अच्छे घर से था , इसलिए माता पिता दोनों बहुत खुश थे ।


लड़के के साथ लड़के के पूरे परिवार का स्वभाव भी बड़ा अच्छा था !


पिता को अपनी बेटी की शादी अच्छे घर में पक्का होने पर राहत भी महसूस हो रहा था ।


शादी से एक सप्ताह पहले लड़के वालों ने लड़की के पिता को अपने घर खाने पर बुलाया....!


उस लड़की के पिता की तबीयत ठीक नहीं थी फिर भी वे ना न कह सके!


लड़के वालों ने बड़े ही आदर सत्कार से उनका स्वागत किया । फ़िर लडकी के पिता के लिए चाय आई ।


लेकिन शुगर की वजह से लडकी के पिता को चीनी वाली चाय से दूर रहने के लिए कहा गया था 


पिता अपनी लड़की के होने वाली ससुराल में थे , इसलिए उन्होंने बिलकुल चुप रह कर चाय अपने हाथ में ले ली ।


चाय कि पहली चुस्की लेते ही वो चौक से गये ! चाय में चीनी बिल्कुल ही नहीं थी और इलायची भी डली हुई थी!


वो सोच मे पड़ गये कि ये लोग भी हमारी जैसी ही चाय पीते हैं शायद ।


जब दोपहर में उन्होंने खाना खाया , वो भी बिल्कुल उनके घर जैसा । 


उसके बाद दोपहर में आराम करने के लिए दो तकिये , पतली चादर मौजूद थे । 


उठते ही उन्हें निम्बू पानी का शर्बत दिया गया ।


वहाँ से विदा लेते समय उनसे रहा नहीं गया तो वे हैरानी वश पूछ बैठे.....श्रीमान जी, मुझे क्या खाना है , क्या पीना है , मेरी सेहत के लिए क्या अच्छा है या डॉक्टरों ने मेरे लिए क्या वर्जित किया है , ये परफेक्टली आपको कैसे पता है ??


पिता की पूरी बात सुनने के बाद बेटी कि सास ने धीरे से कहा कि कल रात को ही आपकी बेटी का फ़ोन आ गया था औऱ उसने बेहद विनम्रता से कहा था कि मेरे पापा स्वभाव से बड़े सरल हैं , बोलेंगे कुछ नहीं लेकिन प्लीज अगर हो सके तो आप उनका ध्यान रखियेगा !


पूरी बात सुनकर पिता की आंखों में पानी भर आया....!


लड़की के पिता जब अपने घर पहुँचे तो घर के ड्राइंग रूम में लगी अपनी स्वर्गवासी माँ के फोटो से हार निकाल दिया ।


जब पत्नी ने उनसे पूछा कि ये क्या कर रहे हो तो लडकी के पिता बोले-मेरा आजीवन ध्यान रखने वाली मेरी माँ इस घर से कहीं नहीं गयी है , बल्कि वो तो मेरी बेटी के रुप में इस घर में ही रहती है!

और फिर पिता की आंखों से आंसू छलक गये ओर वो फफक कर रो पड़े...साथ में माँ भी रोने लगी ।


दुनिया में सब कहते हैं ना कि बेटी है , एक दिन इस घर को छोड़कर चली जायेगी लेकिन बेटियां कभी भी अपने माँ-बाप के घर से नहीं जाती, बल्कि वो हमेशा उनके दिल में रहती हैं ।

 *लड़कियां विशेष ध्यान दें। क्या आप जानते है।*

*बॉडी पार्ट्स आते कहाँ से है???*


आपने सुना होगा कि 40 लाख देकर किडनी बदलवा लो।  वो भी 16 - 25 आयु के आसपास की मजबूत किडनी..


अब सोचो आखिर ये बॉडीपार्ट्स कहाँ से आते है...?   

 मुर्दाघरो में पड़ी लाशो से या एक्सीडेंट में मरने वालो से...??



एक जगह और है। वो है...

भारत में मिडिल क्लास फैमिली की लड़कियां...!!!

ये लड़कियां सिगरेट, गुटखा या शराब नही यूज करती।

इनके दाँत, हड्डी, आँते, चमडा़, दिल, लीवर, किडनी, सब सही और ट्रांसप्लांट के लिए अच्छे होते है..._


इन लडकियों को *प्यार में फसाकर* या *नौकरी का झांसा* देकर  कहीं भी ले जाना आसान होता है...



इसलिए सुन्दर स्मार्ट हीरोटाइप 

 लडके इन लड़कियों को जाल में फंसाते हैं...

ये लडके वास्तव में *प्रोफेशनल क्रिमिनल* होते हैं,, 

ये पैसे के लिए कुछ भी कर सकते है। 

-

हर साल *फरवरी के अंत तक मिडिल क्लास फैमिली की 2 से 4 लाख लडकियां घर से गायब* हो जाती हैं...


व्यौरा दिया जाता है कि...

*आशिकी में घर से भाग गयी..,*ना तो कोई *केस* बनता है, ना कोई *खोजता* है...

बाद में उनका कोई पता नहीं  चलता ..*जरा सोचिये, *ये लडकिया कहाँ पहुँच जाती है??*


अब आप अच्छी तरह समझ सकते हो...,


असल में पहले तो *इन बच्चियों का भरपूर शारीरिक शोषण किया जाता है।  उसके बाद इनकी हत्या कर दी जाती है और शरीर के अंग बेचकर  कमाई की जाती है..*

-

अभी आप गूगल पर ' *Black market price of human body parts* सर्च करके अंगो के भाव देखिएगा.. फिर *Organ Transplant Rate in India* सर्च करके अंग प्रत्यारोपण का खर्च देखना...


अगर एक *लडकी की बॉडी के अंगों की सही कीमत लगे,  तो कम से कम 5 करोड़ आराम से* मिल जाता है,,।


इसीलिए *लव और मानव तस्करी पर ना तो कभी कोई कानून बनता है, और ना ही कोई बनने देता है...।*



-

एक बात और 

**ये घटनाये ज्यादातर उन्हीं लडकिया के साथ होती हैं, जिनके परिवार कमजोर होते है  या जिनके कोई राजनितिक या क़ानूनी Approach/पकड़ नही* होती...।

--

2015 में UP से *4000 लडकिया गायब* हुई थी, वही 2017 से 2018 तक 7000 लड़कियां गायब हुई थी। औऱ ये घटनायें अधिकतर लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े सहरो में अधिक पाई गई है।

-

माना कि हमारी लाड़ली बहिन बेटियां *सब जानती* हैं, लेकिन *क्रिमिनल मार्केटिंग* और *अंग प्रत्यारोपण* के लिए *सही और असली अंग आते कहाँ से हैं...* ये नही जानती,,,

-

-

अपनी बहिन बेटियों का ध्यान दें, क्योंकि,

*जो बाहर हो रहा है, वो हमारे घर में कभी भी हो सकता है...!* औऱ लोगो की सही सलाह ले। किसी के झांसे में न आये। 

कृपया, पढ़कर अपने संपर्क में सभी को शेयर कीजिये जिससे *किसी की बहन-बेटी इस तरह के षड़यंत्र का शिकार ना हो!*


परिवार में,  घर में, दोस्तों में, *चर्चा करने *बहिन-बेटी की अनमोल जान* बचा सकेगी

आइये हम अपना नैतिक दायित्व निभाएं


प्लीज इस पर गौर करें हम इधर उधर के मैसेज तो रोज ही भेजते रहते हैं यह हमारे देश की बहन बेटियां लड़कियों की इज्जत और उनकी जान का सवाल है कृपया ज्यादा से ज्यादा इस मैसेज को साझा करें धन्यवाद

Comments

Popular posts from this blog

It Shame on the part of IAF

       Indian air force is now a day in the practice of flying non official person in the fighter aircraft. It is not at all good for the air force. They do no even the ABCD of  technology of the aircraft. If they have pressed any switch by mistake, what will happen the can imagine. It may result in to crash. Better avoid this practice. No prime minister, president or the sports person become special to fly in trainer aircraft.        Secondly, once no technician is allowed to go in the air after the maintenance of aircraft to check the serviceability of the system. They are merely allowed to go for ground run. They are the only person who are supposed to know the the facts of the aircraft system whether those are correctly assembled and are functioning normally. They deprived this facility to get acknowledged the facts.         The pilots who do not know the much about the technology of aircraft system , blame the innocent technician later on when fault reoccurring in the space of air

Clarification of Name

 I my self Sgt Suraj Bhan Moan retired declare that I have changed the spelling of my name as Sooraj Bhan Lohchab Moan my previous birth of SDN for known to public use along with my fake date of birth 08 June 1966 ,has been corrected as 19may 1965 which was wrongly endorsed along with my wrong name as Surjit s/o Baldev in birth and death register of Fathebad district as 19may 1966. This nonsense has been made by Ram Singh Patwari s/o Harlal and Sankar Dhanak Chokidar . I asked to show the birth records register kept with Chokidar , Balad Dhanak s/o Sankar Dhanak refused to show me the register to check my Date of Birth.Then he joined the gange of Sukargar and Munigar the beggers to rape the women of subvillages of Kirmara along with Bhala Kanna .At present this gange has taken vast shape and opened the offices at different places in India. I my self has kept my date of birth 19 may 1965 uncertified so that I can catch the culprits and can be awarded punishment from Barhma's office

एक शानदार नतीजा निकला।

                  हाल में हुए पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में भारतीय पार्टी की जीत के साथ अन्य रोचक तथ्य भी सामने आते हैं। चुनाव में आये नतीजों में चार में से तीन राज्यों में भारतीय पार्टी लक्ष्मण, शत्रुघ्न व भरत को तो अपने साथ ले गई लेकिन राजा रामचंद्र को कांग्रेस को सौंप दिया। चार भाइयों में से तीन तो इक्कठे रह गये लेकिन दुनिया पर राज करने वाले राम एक ले ही फिर दुनिया पर राज करने को छोड़ दिए।                  वैसे मुझे तो खेल है परन्तु क्या कर सकते हैं भाग्य का लिखा कोई नहीं मेट सकता है। भारतीय जनता पार्टी में महिलाओं की विजय पर खुशी तो जाहिर नहीं कर सकते हैं परन्तु प्रारब्ध की मजबूरी है कि जब महाराजा दशरथ मृत लोक चले गए तो राम को वनवास के बाद भरत के साथ वैधव प्राप्त महारानियों ने राज किया था वह वह प्रथा आज तक चली आ रही है।यह यहां की भूमि की त्रासदी बन चुकी है। ऐसा खेल राजनीति में आ गया है, घर वाली नेता बनी हुई है पति कुछ और कार्य करता है। यह विडंबना पता नहीं कब तक समाज को ग़लत दिशा में ले कर जाती रहेगी।                 भरत का राज जैसे कठिन था उसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी का राज भी