वात, पित व कफ के असन्तुलन से मानव जाति को सारी व्याधियों की कठिनाइयों को भोगना पड़ता है। जो एक बहुत ही तकलीफ दायक स्थिति होती है , उनमें से एक गठिया रोग है जिसके कारण शरीर के जोड़ो में सूजन आ जाती है जो एक कष्ट कारक व पीड़ा दायक रोग बन जाता है।
सारे शरीर की हड्डियां दर्द करने लग जाती है। यह हमारे रहने सहने व खान पान के कारण और ज्यादा उग्र रूप धारण कर लेता है। जिसके जोड़ों के मध्य तरल जो संधि का सही संचालन में सहायक होता है समाप्त हो जाता है हाड्डियों के बीच में एक कुशनिंग पेड कार्टिलेज का बना होता है खत्म हो जाता हैं जिसके कारण नकली अंग लगाने पड़ते हैं।
इन सबसे बचने के लिये आपको आयुर्वेद के इलाज की शरण में जाना आवश्यक है ताकि उस कष्ट कारक रोग उत्पन्न ही न हो । इसका सही इलाज मेथी का प्रयोग कर के बचा जा सकता है । इसका प्रयोग तरल रूप ,मिष्ठान व पाउडर के रूप कर सकते हैं।
मेथी के लड्डू बना कर आप हर रोज सुबह शाम एक लड्डू खाकर बचाव कर सकते हैं दूसरा तरीका इसकी फाकी बना सकते हैं इसमें मेथी को पाउडर के रूप में एक चमच्च दूध के साथ लेना पड़ता है तीसरा प्रकार मेथी को उबाल कर उसके पानी को सुबह शाम एक चम्मच लेनी होती है।
मेथी का प्रयोग कर अर्थराइटिस यानि गठिया के रोग बचा जा सकता अतः अवश्य बचना चाहिये।
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