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The Correct Answer Of Meaning of Sri Lanka ?

 The  Sri Lanka  was known  as Rawan  Puri  In   the Past fact  of  history.  The  epic  of Ramayan  is  having  the  right  answer after  war  between  Ram  and  Rawan.  When   the  Soul  of  Rawan  is  asked  by  the Almighty How  many  is  required the  fire  work  of  dead  of  your  family .


The  Rawan  gave  the  answer  the only  Sri  to be  Lah an  ko.  That  word  combine  show as  Sri  Lanka.  mean  the  left behind  his  wife  to  be  set  on  fire  after  her death.


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Clarification of Name

 I my self Sgt Suraj Bhan Moan retired declare that I have changed the spelling of my name as Sooraj Bhan Lohchab Moan my previous birth of SDN for known to public use along with my fake date of birth 08 June 1966 ,has been corrected as 19may 1965 which was wrongly endorsed along with my wrong name as Surjit s/o Baldev in birth and death register of Fathebad district as 19may 1966. This nonsense has been made by Ram Singh Patwari s/o Harlal and Sankar Dhanak Chokidar . I asked to show the birth records register kept with Chokidar , Balad Dhanak s/o Sankar Dhanak refused to show me the register to check my Date of Birth.Then he joined the gange of Sukargar and Munigar the beggers to rape the women of subvillages of Kirmara along with Bhala Kanna .At present this gange has taken vast shape and opened the offices at different places in India. I my self has kept my date of birth 19 may 1965 uncertified so that I can catch the culprits and can be awarded punishment from Barhma's office ...

What do you mean by?

 Does you know what these photograph says:-

भारत सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक ने 200 ,500 रुपए बंद करो।

 भारतीय रिजर्व बैंक व भारत सरकार ने 200और 500 रुपयों के नोटों को प्रचलन से व सरकारी करंसी से पूर्ण रूप से समाप्त कर देना चाहिए। ये नोट केवल लोगों की समस्याओं को बढ़ावा देने के सिवाय कुछ भी कार्य के नहीं हैं। हर रोज़ खुले रुपए देने के लिए हर लेने दें की जगह पर झगड़े फसाद होते हैं। आम नागरिक तो रुपए ना घर पर छापता है न बैंक खोले बैठे हैं कि कहीं भी पांच दस बीस रुपए हर किसी को हर जगह दे सके। सरकार ने व बैंकों ने हर जगह पांच सौ कै नोट को ही जारी कर रखा है। छोटे नोट केवल माला बनाने वालों की झुके सिवाय कहीं नहीं मिलते हैं। यह सिस्टम केवल लुटेरों के लिए बना रखा है। यदि लूट खसोट करनी हो तो कम बोझ व जगह के कारण सरकार ने लुटेरों के लिए उत्तम व सर्वश्रेष्ठ नियम बना रखा है। इन्टरनेट बैंकिंग क्षेत्र के कारण बड़े नोटों की जरूरत पूरी तरह समाप्त हो चुकी है केवल वोट खरीदने रिश्वत लेने के लिए ही बड़े नोटों का प्रयोग शत-प्रतिशत बचाकर रखा है। और कोई सार्थक कारण किसी भी सृष्टि में नजर नहीं आता है। सरकार से सार्थक निवेदन है कि अपनी जेब भरने की बजाय, जनता को सुलियत देनी सिखनी चाहिए व आनी चाहिए। सरकार ने ...