रक्षा बंधन क्या होता है और क्यों मनाया जाता है। रक्षा का अर्थ है हमेशा अक्षय रहे यानि अदर्शय , जो दिखाई न दे। बंधन का अर्थ है जो आग बन जाए। यानि कि जो आग बन कर गुप्त रहे।
इसमें एक यथार्थ ऐतिहासिक रहस्य छुपा है जो एक पौराणिक गाथा है जिसमें किसी औरत का पति आक्समिक मृत्यु का ग्रास बन जाता है। उसकी पत्नी वैधव के रूख से घिर जाती है। उसको अपनी बचाव का कोई उपाय नहीं सूझता है।
रात को। स्वप्न में उसके पति के दर्शन होते हैं । वह उसको अदर्शय रूप में रह कर रक्षा करने का वचन देता है। वह आकाश, पाताल व इस धरा पर , आग ,जल और वायु बन कर रक्षा करुंगा। उसी वचन के प्रत्युत्तर आज तक हर वर्ष रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है।
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