भैणी का इतना करने का अर्थ कुछ छोटा नहीं है जब हकिकत सामने आयेगी या धरी जायेगी तो जान कर ताजुब होगा।
भैणी का संधी विच्छेद करने पर भै व अणी शब्द मिलते हैं।भै का अर्थ डर व अणी का अर्थ अन्न होता है इसमें दो प्रकार के अन्न होते हैं एक मादा अन्न जैसे गैहू़ और दूसरा नर जैसे कि चोअ्ल यानि कि चावल।
इस का सीधी साधी भाषा में अर्थ है कि एक पत्नी अपने पति से कहती है जो उससे आयु में बड़ा है । उसको अंगुली के पेरवे के समान छोटा जन्म दे कर न्यू न कर दूं तो।
तब वह उसको लड़की पैदा कर छोटा कर देती है। फिर उसका पति कहता है मैं तेरे को बिना पैदा किए ही छोटी न कर दूं तो। उस की पत्नी तैस मैं आकर कहती हैं करके दिखा।
उसने कहा चल मर , बोली या तो मैं मर गई। छोटी कैसे हुई। वह बोला तू में रे से उमर में बड़ी थी अब मर तू छोटी हो गई तेरी उम्र रही नहीं तो मैं जिन्दा रह कर बड़ा न गया। तु इतनी सी हो गई। फिर बोला तू मेरे समान इतना सा छोरा हो गई।
क्या आप बता सकते हो कि वह छोरा कहां हो गई।
चुनाव घोषणा हो ते ही चाहे अगले दिन बिना देश का एक पैसा खर्च किए चुनाव कराए जा सकते हैं बिना किसी दुःख व दुविधा के। जैसे ही पार्टी अपने उम्मीदवारों का चयन कर लें तभी चुनाव घोषित किए जाने चाहिए। केवल जितनी पार्टी है उतने ही मास्टर कम्प्यूटर चाहिए,हर एक पार्टी को चुनाव आयोग के साथ में ताकि चुनाव आयोग गड़बड़ी न कर सके। मोबाइल फोन से वोटर को आधार कार्ड से के नं से वोटिंग करवा लें। केवल एक दिन ही सबको शिक्षित किया जा सकता है इस बारे में। सारी पार्टीयों को अपने दफ्तर के कम्प्यूटर पर उसी दिन बिना गिनती किये पता चल जाएगा कि कितने वोट किस पार्टी को मिले हैं। चुनाव आयोग का कार्य केवल उन सभी के कम्प्यूटर के डाटा को इकट्ठा करना पड़ेगा यह बताने को कि कितने प्रतिशत मतदान हुआ है। बाकी काम पार्टी के कम्प्यूटर कर लेंगे। फूटी कोड़ी तक सरकार की नहीं होगी। चाहे तो कार्य काल समाप्त होने से पहले ही चुनाव सम्पन्न बिना किसी सुरक्षा बल के किया जा सकता है। किसी अधिकारी व कर्मचारी को कोटा पैसा तक सरकार को नहीं देना पड़ेगा टी ए, डी ए के रूप में। बस बेइमानों को दुःख होगा कि वे धांधली व बेईमानी न कर सके। ...
Comments
Post a Comment