यदि भारत की जनता व जनसंख्या संयुक्त परिवार चाहती है तो भारत का सुदृढ़ भविष्य कांग्रेस पार्टी के साथ है तथा राजसत्ता में निसंकोच आयेगी।
यदि एकल परिवार व्यवस्था को भारत का जनमानस सम्मानित करता है तो राम राज्य की स्थापना मूर्त रूप अवश्य लेगी।
भविष्य में लोकसभा कार्यकारिणी समाप्त हो कर राज व्यवस्था कायम होगी।
तब तक लोग अपने ग्रहों पर जाने के लायक हो जायेगें। यदि लोगों ने अपना सबकुछ दान अपने ब्रह्मा को कर दिया होगा।
लोग अपने गृह के स्वामी बन जायेंगे।
लोकतांत्रिय प्रणाली में देवताओं का राज होता है वहां पर अग्नि तत्व को बहुत महत्व दिया जाता है अतः कोई भी मुर्दा शरीर आग के हवाले कर दिया जाता है ताकि उसके पंच भूत भार पंच भूतों में विभाजित कर दिया जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक व भारत सरकार ने 200और 500 रुपयों के नोटों को प्रचलन से व सरकारी करंसी से पूर्ण रूप से समाप्त कर देना चाहिए। ये नोट केवल लोगों की समस्याओं को बढ़ावा देने के सिवाय कुछ भी कार्य के नहीं हैं। हर रोज़ खुले रुपए देने के लिए हर लेने दें की जगह पर झगड़े फसाद होते हैं। आम नागरिक तो रुपए ना घर पर छापता है न बैंक खोले बैठे हैं कि कहीं भी पांच दस बीस रुपए हर किसी को हर जगह दे सके। सरकार ने व बैंकों ने हर जगह पांच सौ कै नोट को ही जारी कर रखा है। छोटे नोट केवल माला बनाने वालों की झुके सिवाय कहीं नहीं मिलते हैं। यह सिस्टम केवल लुटेरों के लिए बना रखा है। यदि लूट खसोट करनी हो तो कम बोझ व जगह के कारण सरकार ने लुटेरों के लिए उत्तम व सर्वश्रेष्ठ नियम बना रखा है। इन्टरनेट बैंकिंग क्षेत्र के कारण बड़े नोटों की जरूरत पूरी तरह समाप्त हो चुकी है केवल वोट खरीदने रिश्वत लेने के लिए ही बड़े नोटों का प्रयोग शत-प्रतिशत बचाकर रखा है। और कोई सार्थक कारण किसी भी सृष्टि में नजर नहीं आता है। सरकार से सार्थक निवेदन है कि अपनी जेब भरने की बजाय, जनता को सुलियत देनी सिखनी चाहिए व आनी चाहिए। सरकार ने ...
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