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क्या इजरायल व हमास दोनों ही तो आतंकवादी नहीं है।

 हमास को आतंकवादी करार देना यदि सही तो इजरायल भी इसमें कम नहीं है। किसी जमीन जायदाद पर कब्जा करना ही तो सबसे बड़ा आतंक है बाकी तो उसके साथ जुड़े पहलु है। जो कब्जा होने पर कितने जाते हैं। औरतों और बच्चों के साथ दुष्कर्म कर मौत के हवाले कर दिया जाता है। या उनका शारीरिक, मानसिक शौषण किया जाता है।

यदि इजरायल ने आतंकवादी ही खत्म करने तो बहुत अच्छा हम उसके साथ है लेकिन गांजा पर कब्जा कर वहां रहना तो बाद वहां की जनता के क्या क्या किया जायेगा वह इतिहास खुले शब्दों में हर जगह व जग की गवाही देता है।

क्या इजरायल विश्व की जनमानस को विश्वास दिला सकता है कि वहां की रियाया के साथ कोई अमानवीय व्यवहार नहीं किया जायेगा। इजरायली नेता नेतन्याहू इस बात का सही जवाब विश्व पटल पर दे सकते हैं।


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