Skip to main content

Play Pazzle Game

 


If you are  having the interest in sports and derived by the time . Now you can play and win the game on Facebook and other mode of media . You can fullfil your left over wishes.


Comments

Popular posts from this blog

ईवीएम का विकल्प हमारे पास मौजूद है केवल उपयोग करना आना चाहिए।

 चुनाव घोषणा हो ते ही चाहे अगले दिन बिना देश का एक पैसा खर्च किए चुनाव कराए जा सकते हैं बिना किसी दुःख व दुविधा के। जैसे ही पार्टी अपने उम्मीदवारों का चयन कर लें तभी चुनाव घोषित किए जाने चाहिए। केवल जितनी पार्टी है उतने ही मास्टर कम्प्यूटर चाहिए,हर एक पार्टी को चुनाव आयोग के साथ में ताकि चुनाव आयोग गड़बड़ी न कर सके। मोबाइल फोन से वोटर को आधार कार्ड से के नं से वोटिंग करवा लें। केवल एक दिन ही सबको शिक्षित किया जा सकता है इस बारे में। सारी पार्टीयों को अपने दफ्तर के कम्प्यूटर पर उसी दिन बिना गिनती किये पता चल जाएगा कि कितने वोट किस पार्टी को मिले हैं। चुनाव आयोग का कार्य केवल उन सभी के कम्प्यूटर के डाटा को इकट्ठा करना पड़ेगा यह बताने को कि कितने प्रतिशत मतदान हुआ है। बाकी काम पार्टी के कम्प्यूटर कर लेंगे। फूटी कोड़ी तक सरकार की नहीं होगी। चाहे तो कार्य काल समाप्त होने से पहले ही चुनाव सम्पन्न बिना किसी सुरक्षा बल के किया जा सकता है। किसी अधिकारी व कर्मचारी को कोटा पैसा तक सरकार को नहीं देना पड़ेगा टी ए, डी ए के रूप में।  बस बेइमानों को दुःख होगा कि वे धांधली व बेईमानी न कर सके। ...

भारत सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक ने 200 ,500 रुपए बंद करो।

 भारतीय रिजर्व बैंक व भारत सरकार ने 200और 500 रुपयों के नोटों को प्रचलन से व सरकारी करंसी से पूर्ण रूप से समाप्त कर देना चाहिए। ये नोट केवल लोगों की समस्याओं को बढ़ावा देने के सिवाय कुछ भी कार्य के नहीं हैं। हर रोज़ खुले रुपए देने के लिए हर लेने दें की जगह पर झगड़े फसाद होते हैं। आम नागरिक तो रुपए ना घर पर छापता है न बैंक खोले बैठे हैं कि कहीं भी पांच दस बीस रुपए हर किसी को हर जगह दे सके। सरकार ने व बैंकों ने हर जगह पांच सौ कै नोट को ही जारी कर रखा है। छोटे नोट केवल माला बनाने वालों की झुके सिवाय कहीं नहीं मिलते हैं। यह सिस्टम केवल लुटेरों के लिए बना रखा है। यदि लूट खसोट करनी हो तो कम बोझ व जगह के कारण सरकार ने लुटेरों के लिए उत्तम व सर्वश्रेष्ठ नियम बना रखा है। इन्टरनेट बैंकिंग क्षेत्र के कारण बड़े नोटों की जरूरत पूरी तरह समाप्त हो चुकी है केवल वोट खरीदने रिश्वत लेने के लिए ही बड़े नोटों का प्रयोग शत-प्रतिशत बचाकर रखा है। और कोई सार्थक कारण किसी भी सृष्टि में नजर नहीं आता है। सरकार से सार्थक निवेदन है कि अपनी जेब भरने की बजाय, जनता को सुलियत देनी सिखनी चाहिए व आनी चाहिए। सरकार ने ...