शेषानी भव भविष्यति।
संसार में देह सुख ही धन दौलत है
जिसके पास ये है तो और कुछ बाकी नहीं।
नये दिवस की शुभ कामनाएं।
हर दिन नई खुशियां लेकर आए।
कर्म हमारे जीवन का अभिन्न अंग है
इसके बिना हर कोई अपंग है।
कर्मों का कोई ठिकाना तो होता नहीं,
इसका एक हिस्सा कहीं होता है
तो दुसरा किसी और जगह।
समय वह ताला है जो सही जगह के
बिना कभी भी खुलता नहीं है।
सब अपने हिस्से के कर्म करने ,
देश की सर जमीं छोड़ बाहर के
देश के सिर मढ़े पड़े हैं
सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं के साथ
अपने कर्म करने की बधाई
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