भारत की सरकार जो संविधान की परिभाषा के अनुसार भारत की जनता की सरकार होती है। लेकिन आज कल संविधान की परिभाषा अप्रत्यक्ष रूप से बदल दी है नेताओं ने व भारतीय जनता ने। आपको जानकर हैरानी तो होगी लेकिन आप भी अनुसरण उसी भाषा का करते हैं। अब भारत सरकार ने होकर मोदी सरकार हो गई है। तथा जानी भी इसी नाम से।
अब मोदी कहें या भारत सरकार कहें, फर्क बहुत पड़ता है। भारत सरकार में सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी होती थी किसी भी कानून को अमली जामा पहनाने की। मोदी सरकार में यह जिम्मेदारी मोदी व उनके संसद सदस्यों की और जवाबदेही भी। किसी कानूनी व सही तरह से कार्यों के करवाने की। परन्तु हकिकत में आज कानून नाम की कोई वस्तु बची नहीं। केवल रूपयों को लूटने ने तक सरकार का कर्तव्य। बन कर रह गया है। हर कार्यलय में रिश्वत के बिना कोई कार्य नहीं होता है।
बचे हुए कर्मचारी सड़कों पर चक्का जाम कर अपनी ड्यूटी करते नजर आते हैं। किसी दफ्तर में अपनी कुर्सी पर कोई नजर नहीं आता है। अब विषय पर आते हैं। स्वस्थ भारत के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन वह सब कार्य करने को न होकर सरकारी अधिकारी व नेताओं की जेब गर्म करने तक समाप्त हो जाता है। सफाई कर्मचारी की पेमेंट के लिए रुपए सरकार के पास नहीं है। हर जगह गंदगी के ढेर चारों ओर नजर आतें हैं। एक वर्ष हो गया है सफाई कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर आते।
मोदी व खट्टर सरकार ने कानून को दूरस्त करने की बजाय स्वयं को दूरस्त करने पर जुटे हुए हैं। हर आफिस में खुले तौर पर काम करवाने की रिश्वत मांगी जाती है। नहीं दी तो आप का काम किसी भी जन्म न हो ने तक के हालात है। लोग टैक्स के साथ सफाई कर्मचारी को रिश्वत दे कर कार्य करवाने को मजबूर हैं। पता नहीं भारत की जनता कब सीखेंगी भारत के नेता लोगों इमानदारी का पाठ पढ़ाना। यदि यह सरकार फिर आई तो उनके स्वास्थ्य प्रोग्राम के कारण गंदगी के पहाड़ व करोना जैसी महामारी फिर चुनाव परिणाम के साथ भारत में दर्शन देगी। यह इस सरकार का शायद पहला मुद्दा है। ताकि हर हस्पताल में मरीजों की जन संख्या में वृद्धि कर सके।
इस सरकार के पास वृद्धि के एजैंडा के सिवाय कोई और मसौदा नहीं है। हर वस्तु की वृद्धि खतरनाक होती है। BJP के पास जनसंख्या वृद्धि, मरीजों व बिमारियों की वृद्धि , कुड़ा कबाड़ की वृद्धि के मुख्य मसौदे है। चारों ओर के वातावरण को देख कर यही लगता है। आपकी क्या राय है जनता को जरुर लिखे।
Comments
Post a Comment