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एक शानदार नतीजा निकला।

                  हाल में हुए पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में भारतीय पार्टी की जीत के साथ अन्य रोचक तथ्य भी सामने आते हैं। चुनाव में आये नतीजों में चार में से तीन राज्यों में भारतीय पार्टी लक्ष्मण, शत्रुघ्न व भरत को तो अपने साथ ले गई लेकिन राजा रामचंद्र को कांग्रेस को सौंप दिया। चार भाइयों में से तीन तो इक्कठे रह गये लेकिन दुनिया पर राज करने वाले राम एक ले ही फिर दुनिया पर राज करने को छोड़ दिए।


                 वैसे मुझे तो खेल है परन्तु क्या कर सकते हैं भाग्य का लिखा कोई नहीं मेट सकता है। भारतीय जनता पार्टी में महिलाओं की विजय पर खुशी तो जाहिर नहीं कर सकते हैं परन्तु प्रारब्ध की मजबूरी है कि जब महाराजा दशरथ मृत लोक चले गए तो राम को वनवास के बाद भरत के साथ वैधव प्राप्त महारानियों ने राज किया था वह वह प्रथा आज तक चली आ रही है।यह यहां की भूमि की त्रासदी बन चुकी है। ऐसा खेल राजनीति में आ गया है, घर वाली नेता बनी हुई है पति कुछ और कार्य करता है। यह विडंबना पता नहीं कब तक समाज को ग़लत दिशा में ले कर जाती रहेगी।

                भरत का राज जैसे कठिन था उसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी का राज भी कठिनाइयां भरा होगा। आखिर में १४ वर्ष के वनवास के बाद राम को राज देना पड़ा था उसी प्रकार यह राज भी राजा राम को जायेगा। अब एक आंकड़ा दिखाता हूं। मजबूरी का नाम महात्मा गांधी को फूट डालो और राज करो की नीति को फोलो करने वाले गांधी को कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी ने बाहर निकाल दिया (-१८) सीट कम लाकर यह काम मध्य प्रदेश के लोगों ने यह कर दिया। अन्य ने नारी को (-३) आंकड़े के साथ मध्य प्रदेश से वैधव्य के राज को नकार दिया।(+५४) के साथ अपने मन की , यानि च मन की करने का आंकड़ा प्राप्त कर लिया।

               अब राजस्थान की राजनीति के आंकड़े क्या बोल रहे हैं यह भी देख लें। भारतीय जनता पार्टी ने (+४२) के साथ नपुसंकों को पार्टी के माध्यम से राजनीति में उतार लिया है। कांग्रेस ने (-३१) का आंकड़ा प्राप्त कर औरत को राजनीति से बाहर करने का फैसला लिया है अब शायद कांग्रेस को वैधव का सामना न करना पड़े। बि एस पी ने (-४) का लेखा ले, अपने चाह हर लिये है। निर्दलीयों ने (-८) का अंक ले औरतों के राज को नकार कर बाहर कर दिया है।

               छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने (-३३) का अंक ले तेंतीस करोड़ देवियों के साथ से बाहर हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने (+३९) सीट ले भेड़ चाल में फंस गई है।अन्य ने (-६) का आंकड़ा ले छक्कों को निर्दलीयों के दल से बाहर कर दिया है। तेलंगाना में कांग्रेस ने (+४५) का आंकड़ा ले चा हर ले उनकी सुहागन रानी की चिता में आग लगा ने का आंकड़ा पांच ले ,साथ में चार ले, एक शगुन प्राप्त कर लिया है। बि आर एस ने (-४९) ले भेड़ चाल बंद कर दी है।एक आई एम आई एम ने (०) ग्रहण कर सुहागन स्त्री राज कर चली दर्शाया है। भारतीय जनता पार्टी ने (७) का आंकड़ा ले सिद्ध कर दिया है कि यह बनियों की तरह चली। अन्य ने (-३) ले फिर निर्दलीय राजनीति से बाहर कर दिया है 

              अब देखना है कि लोकसभा चुनाव क्या कहेंगे।

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