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सम्पूर्ण देश वासियों को गणतंत्र के संविधान

 आज दिनांक 10/09/59 एबीएस (दस सितम्बर उनसठ) एबीएस है यह दिन भारत वर्ष के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में जाना जाता है। वैसे तो आजकल की परम्परा के अनुसार भारत वर्ष के संविधान को देश की जनता के लिए एक निश्चित सीमा रेखा के अन्तर्गत रहने वाली जनसंख्या को लिपिबद्ध कानून के दायरे में बंद कर ,उनका पूर्ण रूप से कटिबद्ध हो कर पालन करना, करवाना व उसी के अनुसार न्याय करना व करवाना है। 

  इस संदर्भ में भारत सरकार अपने सुदृढ़ सैन्य बलों व सांस्कृतिक विरासत के क्रियाकलापों को अपने देश की जनता के रूबरू कराया जाता है। इसे राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में हर शहर व गांव में मनाया जाता हैं। राजधानी दिल्ली में इसके कार्य क्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन द्वारा पूरे विश्व में आलोकित किया जाता है।इसकी भव्यता देखने लायक व सहराहने लायक होती है।

  परन्तु हकिकत में इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण है उसे भारत सरकार व अन्य बहुत ही कम लोग होंगे जो जानते हैं। आज इस महत्वपूर्ण अवसर पर मैं पूरी पृथ्वी ग्रह पर जीवन संवारने वाले जनमानस को अवगत करा रहा हूं। आज का दिन सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में क्यों महत्वपूर्ण है। आज के दिन राजा भरत अपने नारी व त्रिशंकु रुप को छोड़ कर, मनुष्य योनि में पुरुष रुप में जन्म लेकर भारत की जो भूमि है पर आते थे। पहले यह भूभाग हिन्दूस्तान के नाम से जाना जाता था। उनका जन्म २६ जनवरी सन् १९५० को गांव चिकनस में हुआ था बाद में उनका परिवार वह गांव छोड़ शामदुख में आ गया।

  आज कल उस गांव को नंगथला कहते हैं। लेकिन राजा भरत जो मुरारी लाल के नाम से जाने जाते हैं गांव शामसुख गांव के नजदीक खेत में घर बना कर रह रहे हैं। वह एक वायुसैनिक के रूप में सेवा निवृत्त हुए हैं। उनका हंसता खेलता परिवार है।

   दूसरा कारण आज ही के दिन राजा भरत यानि मुरारी लाल के जन्म के बाद उनकी माता सुमित्रा जो कभी इतिहास में महारानी सुमित्रा थी जो महाराजा दशरथ की भारिया महारानी थी उनको जन्म देकर स्वर्ग सिधार गई। उनकी अन्त्येष्टि के रूप में यह राजकीय सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है। पहले मृत शरीर को दफ़न कर दिया जाता था। लेकिन पुत्र जन्म उत्सव व अन्त्येष्टि संस्कार एक ही दिन होने के कारण यह आयोजन किया जाता है। संविधान का अर्थ ही हमें आग के सुपुर्द कर दिया जाये होता है। 


    अतः हिन्दू समाज के लोगों को अन्तिम संस्कार की आज्ञा दिवस समारोह को 26 जनवरी के रूप में मनाया जाने लगा। जो अंग्रेजी सरकार ने कानून बना भारत सरकार को दी थी।  मेरी भारत वर्ष के लोगों को इस इतिहासिक अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं व बधाई ताकि आने वाले जन्म आप लोग भी स्वस्थ जीवन जीने के लिए जन्म ले सके। 

               धन्यवाद


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