क्या कांग्रेस पार्टी ने अपने पिछले आम चुनाव का विश्लेषण किया है। यदि नहीं तो जान लीजिए, इसका असली कारण। सत्ताधारी पार्टी रुपए के दम पर वोट को खरीद कर काफी फेरबदल कर देती हैं।
लेकिन इस से भी अधिक भंयकर कारण है निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा कर विरोधी उमीदवार के वोट जातीय समीकरण पर तोड़ दिए जाते हैं। इससे कांग्रेस पार्टी को भारी नुक़सान होता है। भारतीय जनता पार्टी केवल वैश्य समाज के अधिकांश वोटर पर ही बनती है।
वोटिंग प्रतिशत पिछले चुनावों में सबसे ज्यादा वोट लेकर भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी को 36% तथा भारतीय जनता पार्टी को केवल 26% वोटर से लोक सभा में जीत मिली थी। इसका सीधा सा मतलब है जातिगत आधार पर भारतीय जनता पार्टी सुपोर्टिड उमीदवार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के वोट बंटवारा करवाकर
भारतीय जनता पार्टी को समर्थन न भी दे तो भी भारतीय जनता पार्टी कम वोट प्रतिशत के साथ जीत हासिल कर लें गई। कांग्रेस पार्टी को इस तरफ ध्यान देने की शख्त जरुरत है ताकि हल्के में पार्टी के वोट न बंटे।
Comments
Post a Comment