इस लोकसभा चुनाव में मोदी व उसकी पार्टी को चुनाव जीतना दिन प्रतिदिन कठिन होता जा रहा है। अब तो उनके सिर में हाथी के बच्चे की मुण्ड आ गई।
अब वे केवल बोझा ढोने की मशीन बनते नजर आएंगे। हाथी तो राजा की सवारी थी अतः राजा व प्रजा का वजन सहन ही करना पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी में यदि कोई दूसरा आदमी प्रधानमंत्री पार्टी आगे ले कर आती है तो मोदी की हार वैसे ही हो गई।
अब तो मोदी का राजयोग केवल कांग्रेस के राजयोगी की सवारी बनने तक सीमित रह गया है।अगर इस संदर्भ का अर्थ समझ में नहीं आया है तो मेरे वेबसाइट पर लिख देना, जवाब अवश्य दिया जाएगा।
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