यदि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है तो कांग्रेस पार्टी की सरकार को जो पिछले बार सत्ता में रहते हुए एक कानून लाकर हरियाणा के जाटों को गरीब बनने पर मजबूर कर दिया था उस कानून का नाम है जाटों नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण। उसे तुरंत प्रभाव से हटा कर, हरियाणा के जाटों को गरीबी के कलंक से मुक्त करें।
कानून की अपनी बाध्यता होती है उसका सीधे तौर या अप्रत्यक्ष तरीके से प्रभाव अवश्य व परिपक्व रुप में पड़ता है। जब कानून ने ही जाट की जाती को गरीब बना दिया तो ब्रह्मा विष्णु और महेश के हाथ में नहीं है कि उनकी गरीबी दूर करदे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारत के पिछड़े व जनजाति के लोगों की आज हो रही दूर्दशा सबको दिखाई देती है। मुझे तो उनमें से कोई लैंडलोर्ड व धनवान बना दिखाई नहीं देता है।
वही हाल हरियाणा के जाटों का हो गया है। पहले उन्हें कहीं मांगने आवश्यकता नहीं थी लेकिन जब से यह कानून आया है तब वे भिखारी से भी बद्तर जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं। अतः आप की पिछली गलती को सुधार कर ,इस निक्कमे कानून को समाप्त कर दें। ताकि हरियाणा के जाटों सम्मान की जिंदगी पुनः जी सके। दस प्रतिशत से ज्यादा पचास प्रतिशत होता है ओपन कोटा ही जाटों का भला कर सकता है
आप हमें अपनी जात बदलने पर मजबूर न करने देना। अन्यथा लोग ब्राह्मण व अन्य जात अपना लेंगे। धन्यवाद मेरी इस अमूल्य शिकायत अति शीघ्र निवारण अवश्य करेंगे। बाकी बिजेपी की सरकार में जाट आरक्षण में कितनी जनता को रोजगार दिया है तथ्य सामने है।जो जन सैलाब उमड़ा हुआ है इसी बेइज्जती का हिसाब करने को उमड़ा है । समय निकल गया तो बहुत पछताओगे। कुछ भी हासिल नहीं कर पाओगे।
Comments
Post a Comment