आज कल मौसम बदलने की तरह बेरोज़गारी अपने तैवर बदलती है। आंधी तुफान के लिए प्रबंधन की तरह, अपने रोजगार करने के लिए भी आपदा प्रबंधन अवश्य कर लेना चाहिए तथा सुदृढ़ तरीके से प्रबंध करने की कला अवश्य सीख लेनी चाहिए ताकि भविष्य की चिंता न हो। इसके लिए कोई लम्बी चौड़ी पूंजी की आवश्यकता नहीं होती है। परन्तु लाभांश को लाभांश में बदलना होगा वह उसका सही नियोजन करना पड़ेगा। इसी संदर्भ में आपको अपनी आय के रुपयों में से पोकेट मनी व गुलक बचत को गुणात्मक रूप से बढ़ाना होगा। इसका सबसे उत्तम उपाय यह है कि आप बचत का सदुपयोग कर शेयर मार्केट में रुपए लगाकर गुणात्मक रूप से बढ़ाना होगा। इसमें आपको शेयर मार्केट का आरम्भिक ज्ञान होना आवश्यक है। शेयर का सीधा सा अर्थ है हिस्सेदारी आपको न फैक्टरी लगानी न किसी को नौकर रखने की आवश्यकता। केवल अपने अपने पास के कुछ रुपए जो वैसे ही घर में बैठाकर पड़े रहते हैं। वहीं बैकार पड़े रुपए आपको कम्पनी में हिस्सेदारी दिलाता है। जब चाहो हिस्सेदार बनो जब चाहो अलग हो जाएं , अपने रुपए शेयर बेचकर अलग हो जाओ। जरुरत हो तो खर्च कर लो। नहीं तो फिर हिस्सेदार बन जाओ अपने पसन्द व अपनी औ...