आप सभी ने सुना तो अवश्य होगा की हनुमान जी को पूंछ होती है लेकिन यह सच तो है परन्तु झूठ है क्या पता है ऐसा क्यों है। इसका कारण बिल्कुल साफ व सही है जब हनुमान जी सीता जी का पता लगाने श्री लंका दूत बनकर रावण के दरबार में आते थे तो वहां रावण ने उनकी पूंछ को आग लगा दी जिससे उन्होंने सोने की लंका जला कर राख कर दी यह इतिहास कहता है। लेकिन यह सच्चाई गले नहीं उतरती है कि आग लगा ने पर पूंछ तो जल गई इतने समय तक ,आग में लंका जला दी पूंछ में लगी आग के कारण, लंका तो जल गई, लेकिन पूंछ नहीं जली, यह सच हजम नहीं हो या है। दूसरा पहलू जब लंका जला दी हनुमान ने तो रावण व सका देश लंका जलकर भस्म हो गया तो युद्ध के लिए रावण कैसे बचा , यह झूठ भी हजम करने लायक नहीं है। इसका साफ मतलब है कि राम व रावण युद्ध हुआ ही नहीं है। यह सब कुछ कोरा झूठ है। लोग हनुमान को पूंछ भी ग़लत दिखाते हैं। उसके बाद से पूंछ वाले आदमी पैदा हो ने बंद हो गये थे। इतिहास हमेशा तथ्य पर आधारित होता है क्योंकि जो बित गया उसे झूठलाया नहीं जा सकता है और वह आंखों देखा सत्य होता है। भविष्य तो झूठा हो सकता है लेकिन भूतकाल झूठा नहीं ह...