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Showing posts from November, 2023

संयुक्त राष्ट्र संघ में राम मन्दिर

 राजा राम का चित्र संयुक्त राष्ट्र संघ कार्यालय में भी होना चाहिए । वे सम्पूर्ण भूमण्डल के राजा होने के साथ , त्रिलोकी के नाथ थे। किसी भी देश को इसमें एतराज नहीं होना चाहिये। अपनी राय दे, विश्व शान्ति के लिये।

क्या आप बता सकते हैं

                  क्या आपको जानकारी है कि राजा राम कहां के राजा थे यदि पता है तो उनका राज्य कितना बड़ा था। उसकी सीमाएं किस राज्य तक थी। इसकी जानकारी अवश्य लिखना। क्यों कि आजकल के नेताओं व पंडितों ने उन्हें कुछ ही फीट से कुछ गज भूमि तक ही सीमित कर दिया है।                  राजा राम त्रिलोकी विजेता महाराज दशरथ के पुत्र थे। त्रिलोकी विजय की तब वे अयोध्या के राजा थे। फिर अश्व मेघ के घोड़ा छोड़ कर सम्पूर्ण भू मण्डल पर अपना राज कायम कर लिया था। वे चक्रवर्ती सम्राट बने थे। यानि पूरी पृथ्वी पर उनका राज्य था।                  जब उनकी मृत्यु कारण महारानी कैकेई व मंथरा दासी बनी तो उन्होंने ने भरत को केवल उत्तर प्रदेश के एक जिले का राज नहीं सोपा था पूरी पृथ्वी का राज दिया था। वहीं राज राजा भरत ने राजा राम को दे दिया था। वे पूरी पृथ्वी के राजा थे। रावण वध के बाद तो वह चक्रवर्ती सम्राट बने थे।                   लेकिन भारत सरकार ने उन्हें व उनके राज्य को कुछ एकड़ भूमि में बांध दिया है। आज की पूरी अयोध्या नगरी भी नहीं दी है कहते हैं अपने को राम भगत। उनके बैगर वे पूरी पृथ्वी पर पुजनीय थे। अब केवल भारत

बार बार थूक आना और बाहर थूकना

 यदि आप को बार बार बहुत मात्रा में दूध बनता है और उसे बाहर थूकना पड़ता है तो यह आपके लिए बहुत नुक्सानदायक है तथा एक गंदी आदत भी शरीर में घर कर जाती है। लोगों की दृष्टि में आप घृणा के पात्र बन जाते हैं। शारीरिक मानसिक क्रिया भी ग़लत होने लग जाती है। जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। थूक बनना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अतिआवश्यक है। लेकिन यदि अधिक थूक बनता है इसका मतलब यह है कि आपके शरीर में टोक्सिन की मात्रा ज्यादा उत्पन्न होने लगी है। जो शरीर के पाचन तंत्र को नुक्सान पहुंचाने के फिराक में है। इसके प्रतिकुल प्रभाव को रोकने के लिए ही अधिक थूक का निर्माण मुंह में होना शुरू हो गया है। थूक लार का ही हिस्सा हैं जिसमें इंजाईम होते हैं जो हमारे भोजन को पचाने में सहायक होते हैं। थूक खाना आसानी से निगलने में मदद करता है। यदि थूक न बने तो खाना निगलना मुस्किल हो जाता है। यदि थूक कम बनता है तो पेट में जलन व गैस की समस्या, पेप्टिक अल्सर कारण बन जाता है। सेहत दिन प्रतिदिन गिरती जाती है। शरीर में खाया पिया नहीं लगता है।  इस समस्या का निदान बिना दवा दारु के पूर्ण

अपना जीवन संवारने के लिए

                  हर किसी को यह इच्छा रहती है कि वह हमेशा स्वस्थ रहें, वह किसी भी रोग यानि शरीर से उसकी शक्ति लूटने वाले ठगो से बचा रहे। परन्तु ये इतने शातीर होते हैं कि किसी न किसी प्रकार शरीर के अंगों की शक्ति कम कर , उन्हें कमजोर कर देते हैं। फिर वह कमजोरी धीरे धीरे बढ़ती जाती है और आगे चल कर एक भयानक रोग का रूप धारण कर हमें तंग करने लगती है। कभी कभी तो असाध्य रोग में परिणित हो जाती है।उसका उग्र रूप असहनीय होता है।                                                                              आज्ञा चक्र इससे बचने के लिए एक बहुत ही शानदार और बिना किसी प्रकार के खर्च का उपाय है बस इसमें आपको अपनी सामंजस्य शक्ति संजोकर व एकाग्र कर कुछ शारीरिक क्रियाएं करनी होती है उसके बाद ये ठग आपके शरीर के पास नहीं फटक सकते हैं।आपको नियमित रूप से आदत बना कर इन क्रियाओं को एक दो मिनट के लिए करना पड़ता है। यदि आप इस विद्या में बंध गए तो आप की पौ बारह। कोई रोग आपको नहीं बतायेगा। और आप चैन की जिंदगी जी सकते हो                  आपको अपने आज्ञा चक्र को जाग्रत करना है। उसके लिए आपको केवल एक दो मिनट ही ध्यान ए

मोदी सरकार का स्वस्थ भारत

                 भारत की सरकार जो संविधान की परिभाषा के अनुसार भारत की जनता की सरकार होती है। लेकिन आज कल संविधान की परिभाषा अप्रत्यक्ष रूप से बदल दी है नेताओं ने व भारतीय जनता ने। आपको जानकर हैरानी तो होगी लेकिन आप भी अनुसरण उसी भाषा का करते हैं। अब भारत सरकार ने होकर मोदी सरकार हो गई है। तथा जानी भी इसी नाम से।                   अब मोदी कहें या भारत सरकार कहें, फर्क बहुत पड़ता है। भारत सरकार में सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी होती थी किसी भी कानून को अमली जामा पहनाने की। मोदी सरकार में यह जिम्मेदारी मोदी व उनके संसद सदस्यों की और जवाबदेही भी। किसी कानूनी व सही तरह से कार्यों के करवाने की। परन्तु हकिकत में आज कानून नाम की कोई वस्तु बची नहीं। केवल रूपयों को लूटने ने तक सरकार का कर्तव्य। बन कर रह गया है। हर कार्यलय में रिश्वत के बिना कोई कार्य नहीं होता है।                    बचे हुए कर्मचारी सड़कों पर चक्का जाम कर अपनी ड्यूटी करते नजर आते हैं। किसी दफ्तर में अपनी कुर्सी पर कोई नजर नहीं आता है। अब विषय पर आते हैं। स्वस्थ भारत के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन वह सब कार्य

अच्छा लेकिन बुरा निर्णय

            हर आदमी व समाज को विकास की जरूरत होती है। उसके लिए वे हर प्रकार के प्रयास करते हैं। व्यक्तिगत तौर और सार्वजनिक तौर अपनी पूरी कोशिश करते हैं। विकास की दौड़ कभी सफल तो कभी विफल होता है। सरकार इसी कड़ी में मारुति कार की एक कम्पनी खरखोदा में लगवाने जा रही हैं। उसकी भूमि तो पहले ही ग्रहण कर ली है परन्तु अब बैटरी की कम्पनी के लिए भूमि अधिग्रहण करना है।              राज्य में कोई उद्योग लगाना, राज्य के लोगों को रोजगार के साधन मुहैया कराने के लिए यह आवश्यक भी है। हरियाणा में जमीन पहले ही कमी है पहले तो हरियाणा मरुभूमि के कारण परेशान रहा। लोगों ने हरियाणा की भूमि को उपजाऊ बनाने में बहुत कुछ बलिदान किया है। देश की भूखमरी हटाने बहुत बड़ा योगदान है। जमीन दान कर कर हर खेत तक पानी पहुंचाया गया है। अब जब किसान थोड़ी खुशहाली के नज़दीक पहुंच गया है तो कम्पनियों के लिए जमीन देने का कारण सामने समस्या बन कर खड़ा हो गया है। यह सब किसान को खाने को आतुर है।                अब यह सवाल सामने मुंह खोले खड़ा है दोनों में से एक को ही सही तौर पर विकसित किया जा सकता है। दूसरे को निगल जाऊंगा। अब हरियाणा स

It Shame on the part of IAF

       Indian air force is now a day in the practice of flying non official person in the fighter aircraft. It is not at all good for the air force. They do no even the ABCD of  technology of the aircraft. If they have pressed any switch by mistake, what will happen the can imagine. It may result in to crash. Better avoid this practice. No prime minister, president or the sports person become special to fly in trainer aircraft.        Secondly, once no technician is allowed to go in the air after the maintenance of aircraft to check the serviceability of the system. They are merely allowed to go for ground run. They are the only person who are supposed to know the the facts of the aircraft system whether those are correctly assembled and are functioning normally. They deprived this facility to get acknowledged the facts.         The pilots who do not know the much about the technology of aircraft system , blame the innocent technician later on when fault reoccurring in the space of air

सरकार व सरकारी शिक्षा और दीक्षा

 सुबह सुबह हर कोई चाहता है कि किसी अच्छी खबर से दिन का आगाज हो। जब दुनिया को हर रोज घटित हो ने वाली घटनाओं से रुबरु करते अखबार यह लिखते हैं बेहद मजबुरी में,कि आज यहां यह हो गया, वहां वह हो गया। प्रकृति प्रदत्त घटनाओं पर तो मनुष्य व सरकार का जोर नहीं चलता है लेकिन सरकार बहुत से ऐसे कर्म कर देती है जो नहीं करने चाहिए।समय रहते नहीं रोका जाये तो अनर्थ करते देर नहीं करती है।  सरकार सार्वजनिक कार्यों को करने के लिए ही चुनी जाती है न की व्यक्तिगत कामों के लिए। हरियाणा सरकार भी यही करने जा रही है। कल के समाचार पत्र में लिखा है कि सरकार सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है जहां विद्यार्थियों की संख्या कम है। यहां सोचने की बात यह है कि बच्चों की संख्या चार हजार से अधिक है उन्हें बन्द कर दूसरे स्कूलों में भेज दिया जाएगा। यदि चार हजार कम है तो भारत सरकार को जनसंख्या वृद्धि करने का कानून लाना पड़ेगा ताकि बच्चों की संख्या स्कूलों में बढ़ाई जा सके।     यह सब नीच मानसिकता वाले राज नेताओं की काली करतूत है ताकि अपने प्राइवेट स्कूल अच्छी तरह से चला सके। आज ऐसा नहीं ढूंढा नहीं मिलेगा जिसका अपना स्कूल या क

भाग्य व कर्म का खेल

 सुखम शुभम् देहानु कृतम्                       शेषानी भव भविष्यति। संसार में देह सुख ही धन दौलत है                        जिसके पास ये है तो और कुछ बाकी नहीं। नये दिवस की शुभ कामनाएं।                         हर दिन नई खुशियां लेकर आए। कर्म हमारे जीवन का अभिन्न अंग है                         इसके बिना हर कोई अपंग है। कर्मों का कोई ठिकाना तो होता नहीं,                         इसका एक हिस्सा कहीं होता है  तो दुसरा किसी और जगह।                          समय वह ताला है जो सही जगह के  बिना कभी भी खुलता नहीं है।                            सब अपने हिस्से के कर्म करने , देश की सर जमीं छोड़ बाहर के                             देश के सिर मढ़े पड़े हैं सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं के साथ                             अपने कर्म करने की बधाई

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शुभ प्रभात की शुभकामनाएं

 आज का दिन आप व आपके परिवार के लिए खुशियों भरा हो। पार्वती नंदन श्री गणेश की कृपा से दिन सुखपूर्वक व्यतीत हो।   

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दिपावली पर्व के शुभ अवसर पर

 आज दिवस २६ दिसंबर ५९ ए बी अस के पावन अवसर पर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की लख चौरासी योनियों को दिपावली के शुभ मुहूर्त पर हार्दिक बधाई।   आने वाले समय व जन्मों के लिए यह दिन आप को ढेरों खुशियां के मार्ग व उन्नति पर ले कर जाते। रात्री की दिपमाला आप के पूर्व जन्म के पापों को अपनी पवित्र ज्योति में जला कर भस्म कर दे।  यह ज्योति हमेशा आपका मार्गदर्शन करती रहे। अपने उज्जवल भविष्य व भव के लिए एक सार्थक दिप अपने पितरों के लिए अतिआवश्यक तौर पर प्रज्वलित जरूर दान करें ताकि आपका मार्गदर्शन जीवनपर्यंत करते रहे।

All The Best Wishes On

 All the best wishes on the eve of Dhan Tersh the day of Goddess of wealth to all the people of the country and the world. You may have the nice days to fullfill the justified requirement for the remaining life.